आगामी 15 अगस्त को महायोगी, सर्वगुणसंपन्न भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्ठमी है। उसे मनाने के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। उसी सिलसिले में कुछ सिरफिरे एक पोस्ट सोशल मीडिया पर कट-पेस्ट कर रहे हैं।
आइये, पहले वह पोस्ट देख लें:-
15-08-2017 तारीख को दुनिया के सबसे
बड़े डॉन का बर्थडे है!
कोई ऐसा गुनाह नहीं, जो उन्होंने नहीं किया हो.....
जेल में जन्म.....
मां-बाप की हेराफेरी...
बचपन से लड़कियों का चक्कर.....
नाग देवता को भी मार दिया......
कंकर मार कर लड़कियों को छेडऩा....
16108 लफड़ा........
दो-दो बीवियां......
अपने मामू का मर्डर......
मथुरा से तड़ीपार.......
फिर भी भाई कभी पकड़े नहीं गए...
इसलिए तो उसे मैं भगवान् मानता हूं
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
जय श्रीकृष्ण
आप देखिए, भगवान श्रीकृष्ण की जय भी कर रहे हैं, उनके जन्म की शुभकामनाएं भी दे रहे हैं, यानि कि उनके प्रति श्रद्धा भी है, फिर भी कैसी उपमाएं दी हैं? निश्चित ही यह काम किसी टपोरी का है। उसे श्रीकृष्ण की लीलाओं में सांसारिक कृत्य नजर आ रहे हैं। अर्थात जैसा वह है, या होना चाहता है, वैसा ही श्रीकृष्ण को देख रहा है। जैसे हम मानव ईश्वर की कल्पना महामानव के रूप में करते हैं, ठीक वैसे ही टपोरी उसे महाटपोरी मान रहा है। नैतिकता का पतन देखिए कि वह ऐसा कह कर अपने कृकृत्यों को जायज करार दे रहा है। ...कि उसने किया या अब करे तो क्या हुआ, श्रीकृष्ण भी तो ऐसा करते थे। ऐसा भ्रष्ट बुद्धि की वजह से ही हो सकता है। मगर अफसोस जिस महान संस्कृति ही हम दुहाई देते हैं, हमारे जिन महापुरुषों की बदोलत भारत को विश्व गुरू मानते हैं, उसी संस्कृति में ऐसे लोग भी हैं, जो कुसंस्कृत होने का प्रमाण दे रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उनकी श्रीकृष्ण के प्रति अश्रद्धा होगी, वे भी श्रीकृष्ण की मूर्ति के आगे वैसे ही नतमस्तक होते होंगे, जैसे आम श्रद्धालु, मगर उन्हें अपने ही भगवान की मजाक बनाने में तनिक भी शर्म नहीं आती। चलो, उनकी श्रद्धा न सही, मगर वे इतने बेखौफ हैं कि उन्हें अन्य की श्रद्धा का भी डर नहीं। ऐसा अन्य धर्मों में नहीं। चाहे मुसलमान हों या ईसाई, बौद्ध हों या जैन, किसी को भी अपने भगवान या ईष्ट के प्रति ऐसी घटिया टिप्पणी करते नहीं देखा होगा। अव्वल तो कोई ऐसा करता ही नहीं, खुदानखास्ता गलती से कर भी दे तो समझो उसकी खैर नहीं। मगर हिंदू धर्म को मानने वालों में ऐसे भ्रष्टबुद्धि लोग मौजूद हैं, जो कि न केवल बेहद शर्मनाक है, अपितु असहनीय है। केवल भगवान श्रीकृष्ण ही क्यों, जिनकी मति मारी हुई है, वे भगवान राम, माता सीता, हनुमान जैसे देवी देवताओं तक पर चुटकले बनाते हैं। राजनीतिक कारणों से महात्मा गांधी पर भी अभद्र टिप्पणियां करने से लोग बाज नहीं आते। और तो और गणेश चतुर्थी, नवरात्र आदि के जुलूस या कावड़ यात्रा के दौरान मद्यपान व अन्य मादक पदार्थों का सेवन किए हुए लोग मिल जाएंगे। आस्था व नैतिकता का यह हृास बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। फिर भी यदि हम फिर विश्व गुरू बनने का ख्वाब देखते हैं तो यह कोरी कल्पना ही है।
ऐसा नहीं कि टपोरियों की पोस्ट को लेकर सज्जन चिंतित नहीं, वे खूब अपील करते हैं कि जन्माष्टमी आ रही है, सभी से विनम्र निवेदन है कि भगवान श्रीकृष्ण के बारे में उलटे-सीधे मेसेज पोस्ट न करें और कोई भी गलत पोस्ट करके धर्म का अपमान न करे, मगर उनकी सुनता कौन है?
-तेजवानी गिरधर
7742067000
आइये, पहले वह पोस्ट देख लें:-
15-08-2017 तारीख को दुनिया के सबसे
बड़े डॉन का बर्थडे है!
कोई ऐसा गुनाह नहीं, जो उन्होंने नहीं किया हो.....
जेल में जन्म.....
मां-बाप की हेराफेरी...
बचपन से लड़कियों का चक्कर.....
नाग देवता को भी मार दिया......
कंकर मार कर लड़कियों को छेडऩा....
16108 लफड़ा........
दो-दो बीवियां......
अपने मामू का मर्डर......
मथुरा से तड़ीपार.......
फिर भी भाई कभी पकड़े नहीं गए...
इसलिए तो उसे मैं भगवान् मानता हूं
जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
जय श्रीकृष्ण
आप देखिए, भगवान श्रीकृष्ण की जय भी कर रहे हैं, उनके जन्म की शुभकामनाएं भी दे रहे हैं, यानि कि उनके प्रति श्रद्धा भी है, फिर भी कैसी उपमाएं दी हैं? निश्चित ही यह काम किसी टपोरी का है। उसे श्रीकृष्ण की लीलाओं में सांसारिक कृत्य नजर आ रहे हैं। अर्थात जैसा वह है, या होना चाहता है, वैसा ही श्रीकृष्ण को देख रहा है। जैसे हम मानव ईश्वर की कल्पना महामानव के रूप में करते हैं, ठीक वैसे ही टपोरी उसे महाटपोरी मान रहा है। नैतिकता का पतन देखिए कि वह ऐसा कह कर अपने कृकृत्यों को जायज करार दे रहा है। ...कि उसने किया या अब करे तो क्या हुआ, श्रीकृष्ण भी तो ऐसा करते थे। ऐसा भ्रष्ट बुद्धि की वजह से ही हो सकता है। मगर अफसोस जिस महान संस्कृति ही हम दुहाई देते हैं, हमारे जिन महापुरुषों की बदोलत भारत को विश्व गुरू मानते हैं, उसी संस्कृति में ऐसे लोग भी हैं, जो कुसंस्कृत होने का प्रमाण दे रहे हैं। ऐसा नहीं है कि उनकी श्रीकृष्ण के प्रति अश्रद्धा होगी, वे भी श्रीकृष्ण की मूर्ति के आगे वैसे ही नतमस्तक होते होंगे, जैसे आम श्रद्धालु, मगर उन्हें अपने ही भगवान की मजाक बनाने में तनिक भी शर्म नहीं आती। चलो, उनकी श्रद्धा न सही, मगर वे इतने बेखौफ हैं कि उन्हें अन्य की श्रद्धा का भी डर नहीं। ऐसा अन्य धर्मों में नहीं। चाहे मुसलमान हों या ईसाई, बौद्ध हों या जैन, किसी को भी अपने भगवान या ईष्ट के प्रति ऐसी घटिया टिप्पणी करते नहीं देखा होगा। अव्वल तो कोई ऐसा करता ही नहीं, खुदानखास्ता गलती से कर भी दे तो समझो उसकी खैर नहीं। मगर हिंदू धर्म को मानने वालों में ऐसे भ्रष्टबुद्धि लोग मौजूद हैं, जो कि न केवल बेहद शर्मनाक है, अपितु असहनीय है। केवल भगवान श्रीकृष्ण ही क्यों, जिनकी मति मारी हुई है, वे भगवान राम, माता सीता, हनुमान जैसे देवी देवताओं तक पर चुटकले बनाते हैं। राजनीतिक कारणों से महात्मा गांधी पर भी अभद्र टिप्पणियां करने से लोग बाज नहीं आते। और तो और गणेश चतुर्थी, नवरात्र आदि के जुलूस या कावड़ यात्रा के दौरान मद्यपान व अन्य मादक पदार्थों का सेवन किए हुए लोग मिल जाएंगे। आस्था व नैतिकता का यह हृास बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। फिर भी यदि हम फिर विश्व गुरू बनने का ख्वाब देखते हैं तो यह कोरी कल्पना ही है।
ऐसा नहीं कि टपोरियों की पोस्ट को लेकर सज्जन चिंतित नहीं, वे खूब अपील करते हैं कि जन्माष्टमी आ रही है, सभी से विनम्र निवेदन है कि भगवान श्रीकृष्ण के बारे में उलटे-सीधे मेसेज पोस्ट न करें और कोई भी गलत पोस्ट करके धर्म का अपमान न करे, मगर उनकी सुनता कौन है?
-तेजवानी गिरधर
7742067000