तीसरी आंख

जिसे वह सब दिखाई देता है, जो सामान्य आंखों से नहीं दिखाई देता है

मंगलवार, अक्टूबर 28, 2025

क्या हमारी राशियां अब बदल गई है?

एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है कि हमारी राशियां तकरीबन 25 हजार 800 साल पुरानी हैं, जो कि अब बदल गई हैं। जैसे जिसकी राशि अभी कुंभ है तो वह मीन हो गई है। अध्ययन के मुताबिक पृथ्वी की धुरी थोडी हिलती रहती है, जैसे घूर्णन करते हुए झूला। इस कारण उसके उत्तरी ध्रुव की दिशा आकाश में धीरे-धीरे बदलती है। इसके परिणामस्वरूप सितारों की स्थिति हमारे दृष्टिकोण से समय के साथ विस्थापित होती है। यही घटना पूर्णसारण व अक्षीय कंपन कहलाती है। इस पूर्वसारण-चक्र की अवधि लगभग 25 हजार 800 साल मानी जाती है। यानी लगभग उतना समय लगेगा कि पृथ्वी की धुरी फिर उसी ओर लौटे। इस बदलाव का एक परिणाम यह है कि सूर्य (जब वह वसंत विषुव बिंदु पर हो) अब उन सितारों के बीच से गुजरता है, जिनके बीच में वह इसलिए नहीं गुजरता था, जब पुराने ज्योतिषिक मानदंड बनाए गए थे। इसलिए, यदि हम सितारों की स्थिति को आज की आकाशगंगा के अनुसार देखें, तो यह संभव है कि किसी व्यक्ति की मौजूदा राशि पुराने प्रतिज्ञान से थोड़ी-बहुत भिन्न हो। 

अधिकतर पश्चिमी ज्योतिष राशियों को ऋतुओं और विषुव बिंदुओं के सापेक्ष निर्धारित करता है, न कि वर्तमान सितारों की वास्तविक स्थिति के आधार पर। इस प्रणाली में, राशि-तिथियां समय से नहीं बदलती। वे ऋतु-चक्र पर आधारित रहती हैं। 

दूसरी ओर, कुछ अन्य ज्योतिषीय प्रणालियां (जैसे कुछ दक्षिण एशियाई व वैदिक ज्योतिष पद्धतियां) सितारों की वास्तविक स्थिति को महत्व देती हैं, और उनमें समय के साथ समायोजन हो सकता है।

ज्ञातव्य है कि इंटरनेट पर यह बहुत चर्चा में रहा कि नासा ने 13वीं राशि जोड़ दी या अब राशि बदल गई हैं। इस पर यह दावा वैज्ञानिक एवं खगोलीय दृष्टिकोण से गलत या गलत प्रस्तुत किया गया है। नासा ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने राशियों की सूची नहीं बदली है और न ही उन्होंने ओफिउकस को नई राशि घोषित किया है। तस्वीर यह है कि यदि आप खगोलीय दृष्टिकोण अपनाएं, तो एक व्यक्ति उस राशि में हो सकता है जो पुरानी ज्योतिषी तालिका से नहीं मिलती।

इस बारे में जानकारों का कहना कि अब राशियां बदल चुकी हैं, आंशिक रूप से सच हो सकता है, यदि आप सितारों की वास्तविक स्थिति के आधार पर राशि तय करना चाहें। लेकिन ज्योतिष की प्रणालियां (खासकर पश्चिमी ज्योतिष) तिथियों को ऋतुओं के सापेक्ष स्थिर रखती हैं, इसलिए उन प्रणालियों में “राशियों का बदलना” नहीं माना जाता। अतः, यह कहना कि “राशियां बदल गई हैं” यह निर्भर करता है कि आप किस संदर्भ में “राशि” ले रहे हैं। खगोलीय या पारंपरिक ज्योतिषीय।