अधिकतर पश्चिमी ज्योतिष राशियों को ऋतुओं और विषुव बिंदुओं के सापेक्ष निर्धारित करता है, न कि वर्तमान सितारों की वास्तविक स्थिति के आधार पर। इस प्रणाली में, राशि-तिथियां समय से नहीं बदलती। वे ऋतु-चक्र पर आधारित रहती हैं।
दूसरी ओर, कुछ अन्य ज्योतिषीय प्रणालियां (जैसे कुछ दक्षिण एशियाई व वैदिक ज्योतिष पद्धतियां) सितारों की वास्तविक स्थिति को महत्व देती हैं, और उनमें समय के साथ समायोजन हो सकता है।
ज्ञातव्य है कि इंटरनेट पर यह बहुत चर्चा में रहा कि नासा ने 13वीं राशि जोड़ दी या अब राशि बदल गई हैं। इस पर यह दावा वैज्ञानिक एवं खगोलीय दृष्टिकोण से गलत या गलत प्रस्तुत किया गया है। नासा ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने राशियों की सूची नहीं बदली है और न ही उन्होंने ओफिउकस को नई राशि घोषित किया है। तस्वीर यह है कि यदि आप खगोलीय दृष्टिकोण अपनाएं, तो एक व्यक्ति उस राशि में हो सकता है जो पुरानी ज्योतिषी तालिका से नहीं मिलती।
इस बारे में जानकारों का कहना कि अब राशियां बदल चुकी हैं, आंशिक रूप से सच हो सकता है, यदि आप सितारों की वास्तविक स्थिति के आधार पर राशि तय करना चाहें। लेकिन ज्योतिष की प्रणालियां (खासकर पश्चिमी ज्योतिष) तिथियों को ऋतुओं के सापेक्ष स्थिर रखती हैं, इसलिए उन प्रणालियों में “राशियों का बदलना” नहीं माना जाता। अतः, यह कहना कि “राशियां बदल गई हैं” यह निर्भर करता है कि आप किस संदर्भ में “राशि” ले रहे हैं। खगोलीय या पारंपरिक ज्योतिषीय।
