तीसरी आंख

जिसे वह सब दिखाई देता है, जो सामान्य आंखों से नहीं दिखाई देता है

मंगलवार, मार्च 28, 2017

सत्ता परिवर्तन को हवा देने के लिए माथुर भी जिम्मेदार

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर लाख मना करें कि राजस्थान में चल रही सत्ता परिवर्तन की बातें सिर्फ राजनीति से प्रेरित हैं और इन बातों को में कोई दम नहीं है, मगर साफ दिख रहा है कि कुछ न कुछ तो गड़बड़ है। और सबसे बड़ी बात ये कि ऐसी गड़बड़ होने के जो कारक हैं, उसके जिम्मेदार वे खुद हैं। न वे समर्थकों को अपने स्वागत में आयोजित समारोह इत्यादि की इजाजत दें और न ही ऐसा माहौल बने। वे चाहें तो समर्थकों को स्वागत करने से इंकार कर सकते हैं। अव्वल तो समर्थकों को पता कैसे लगता है कि वे कब, कितने बजे, कहां से गुजरेंगे।
असल में जब से उत्तर प्रदेश में भाजपा को प्रचंड बहुमत मिला है और मोदी और ताकतवर हुए हैं, तभी से यह माहौल बना हुआ है। रोजाना इस आशय की खबरें छप रही हैं। जब वे जानते हैं कि उनके स्वागत की खबरों से ही यह संदेश जा रहा है कि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो रहा है, तो काहे को स्वागत करवा रहे हैं। आखिरकार वे पार्टी के जिम्मेदार नेता हैं, उन्हें पार्टी के बीच हो रही गुटबाजी को रोकना चाहिए, न कि बढऩे देना चाहिए। स्पष्ट है कि उनकी रुचि इसी बात में है कि स्वागत के बहाने शक्ति प्रदर्शन होता रहे। साथ ही यह भी संदेश जाए कि वे भी मुख्यमंत्री पद की लाइन में हैं। अगर यह मान भी लिया जाए कि भाजपा हाईकमान राज्य में सत्ता परिवर्तन करने के मूड में नहीं है तो भी जिस प्रकार उनका उत्साह से स्वागत हो रहा है, वह इस बात का संकेत है कि भाजपा का एक धड़ा वसुंधरा की जगह उनको देखना चाहता है। और अगर दबाव ज्यादा बना व भाजपा के कर्ताधर्ता नरेन्द्र मोदी जो जच गई कि वसुंधरा को हटाना है तो सत्ता परिवर्तन में देर भी नहीं लगेगी।
एक बात और। भाजपा नेता सत्ता परिवर्तन की संभावना से नकारते हुए कहते हैं कि यह सब मीडिया की ओर से पैदा की गई खबरें हैं। यानि कि पार्टी के भीतर हो रही हलचल को स्वीकार करने की बजाय उसका दोषी मीडिया को बनाया जा रहा है। सवाल ये उठता है कि क्या मीडिया को कोई सपना है कि आपकी पार्टी मेें कुछ चल रहा है। मीडिया उसी खबर को उजागर करता है, जो प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कहीं न कहीं वजूद में होती है। कोरी हवा में कोई भी खबर नहीं बनाई जाती।
-तेजवानी गिरधर
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