तीसरी आंख

जिसे वह सब दिखाई देता है, जो सामान्य आंखों से नहीं दिखाई देता है

मंगलवार, मार्च 04, 2025

वे ताजिंदगी आइने में चेहरा नहीं देखते


दोस्तों, बताते हैं कि तिब्बत में एक साधना पद्धति ऐसी भी है, जिसमें लोग ताजिंदगी आइने में अपना चेहरा नहीं देखते। यहां तक कि पानी या तेल की सतह पर भी नजर नहीं डालते कि कहीं उसमें चेहरा न दिखाई दे जाए। विद्वान मानते हैं कि उसके पीछे उनका गहन दर्षन है। वो यह है इस पद्धति में मोक्ष के लिए दुनिया में रहते हुए भी दुनिया के प्रति अनासक्ति की साधना की जाती है। मानसिक स्तर पर दुनिया से संबंध विच्छेद का प्रयास किया जाए। उनका मानना है कि अगर हमें यह पता हो कि हम कैसे दिखते हैं, हमारा चेहरा कैसा है तो उससे भी अटैचमेंट हो सकता है। दुनिया से विरक्त होने में पर्याप्त सफलता मिल भी जाए तो भी आखिर में अपने चेहरे से लगाव बाधक बन सकता है। अपना चेहरा ही मोक्ष में रुकावट बन जाता है। इसके लिए वे पूरी जिंदगी आइने में अपना चेहरा नहीं देखते। है न विलक्षण साधना पद्धति।


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