कहा जाता है, जब नाग अपनी मणि जमीन पर रखता है तो उसका प्रकाश दीपक से भी अधिक तेज होता है। कई पौराणिक ग्रंथों (जैसे गरुड़ पुराण, स्कंद पुराण) में मणिधारी नाग का उल्लेख मिलता है।
भारतीय लोककथाओं में नागमणि को लेकर अनेक दंतकथाएं प्रसिद्ध हैं। जैसे अगर कोई व्यक्ति नागमणि प्राप्त कर ले, तो वह धनवान, बलवान और अमर हो जाता है। नाग अपनी मणि को छिपाकर रखते हैं, और जिसे यह मिल जाती है, उसके पीछे वे प्रतिशोध लेने आते हैं। लेकिन ये सब लोककथाएं हैं, प्रमाण नहीं। विज्ञान के अनुसार अब तक ऐसी कोई वास्तविक नागमणि नहीं मिली है, जो किसी सर्प के सिर से निकलती हो या चमक उत्पन्न करती हो। सांपों के पास कोई रत्न या जैविक मणि नहीं होती। उनकी चमकदार आंखें या कुछ विशेष सरीसृपों की त्वचा प्रकाश परावर्तित करती हैं, जिससे दूर से चमक दिखाई देती है, और यही भ्रम मणि का बन गया। जंगलों में पाए जाने वाले फॉस्फोरस युक्त कवक या जुगनू जैसे बायोल्यूमिनस जीव भी मणि की तरह चमकते दिखते हैं, जिन्हें लोग नागमणि समझ लेते हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि षनि ग्रह के रत्न नीलम को ही नागमणि मान लिया गया है, जबकि इनमें फर्क है। संस्कृत में नीलम को इन्द्रनील, तृषाग्रही नीलमणि भी कहा जाता है। जो दो प्रकार के होते हैं- जलनील व इन्द्रनील। जानकारी के अनुसार भारत में नीलमणि पर्वत भी है। भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य में नीलम पाया जाता है। कश्मीर में पहले नागवंशियों का राज था। नीलम विशुद्ध रंग मोर की गर्दन के रंग का होता है। कहते हैं कि नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर में असली नीलमणि रखी हुई है। धार्मिक मान्यता है कि नागमणि को भगवान शेषनाग धारण करते हैं। भारतीय पौराणिक और लोक कथाओं में नागमणि के किस्से आम लोगों के बीच प्रचलित हैं। वह यह कि नागमणि सिर्फ नागों के पास ही होती है। नाग इसे अपने पास इसलिए रखते हैं ताकि उसकी रोशनी के आसपास एकत्र हो गए कीड़े-मकोड़ों को वह खाता रहे। हालांकि इसके अलावा भी नागों द्वारा मणि को रखने के और भी कारण हैं। कुल मिला कर नागमणि का रहस्य आज भी अनसुलझा हुआ है। आम जनता में यह बात प्रचलित है कि कई लोगों ने ऐसे नाग देखे हैं, जिसके सिर पर मणि थी। हालांकि पुराणों में मणिधर नाग के कई किस्से हैं। भगवान कृष्ण का भी इसी तरह के एक नाग से सामना हुआ था। छत्तीसगढ़ी साहित्य और लोककथाओं में नाग, नागमणि और नागकन्या की कथाएं मिलती हैं। मनुज नागमणि के माध्यम से जल में उतरते हैं। नागमणि की यह विशेषता है कि जल उसे मार्ग देता है। इसके बाद साहसी मनुज महल में प्रस्थित होकर नाग को परास्त कर नागकन्या प्राप्त करता है। कहते हैं कि नागमणि में अलौकिक शक्तियां होती हैं। उसकी चमक के आगे हीरा भी फीका पड़ जाता है। मान्यता अनुसार नागमणि जिसके भी पास होती है उसमें भी अलौकिक शक्तियां आ जाती हैं और वह आदमी भी दौलतमंद हो जाता है। मणि का होना उसी तरह है जिस तरह की अलादीन के चिराग का होना। हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है, यह कोई नहीं जानता। किंवदती के अनुसार अजमेर में एक संपन्न परिवार के पास नागमणि मौजूद है, हालांकि इसकी पुष्टि आज तक नहीं हुई है।

