तीसरी आंख

जिसे वह सब दिखाई देता है, जो सामान्य आंखों से नहीं दिखाई देता है

सोमवार, नवंबर 05, 2012

रघुवेन्द्र मिर्धा पर टिकी हैं निगाहें


संयुक्त संसदीय समिति के भूतपूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय रामनिवास मिर्धा के पौत्र व राजस्थान में केबिनेट मंत्री रहे हरेन्द्र मिर्धा के पुत्र रघुवेन्द्र मिर्धा क्या चुनावी राजनीति में आगे आएंगे या आने का मानस है, इसकी चर्चा इन दिनों नागौर जिले में काफी है। हालांकि स्वयं रघुवेन्द्र ने अपनी ओर से इस प्रकार की रुचि जाहिर नहीं की है, मगर नागौर के युवाओं में वे जिस प्रकार लोकप्रिय होते जा रहे हैं, उससे इस चर्चा को बल मिला है। हालांकि यह पूरी तरह से कांग्रेस और मिर्धा परिवार पर निर्भर करता है कि रघुवेन्द्र मिर्धा को चुनावी संग्राम में उतारा जाएगा या नहीं, मगर क्षेत्र के युवाओं में वे आशा की किरण बनते जा रहे हैं। वे माइनिंग एंड मिनरल इंडस्ट्रीज मिर्धा ग्रुप के सीईओ हैं। यहां यह बताना अप्रासंगिक नहीं होगा कि हरेन्द्र मिर्धा पिछले विधानसभा चुनाव में हार गए थे, वरना मुख्यमंत्री पद के दावेदार होते।
ऐसा नहीं है कि केवल जाटों की नई पीढ़ी ही उनमें रुचि ले रही है, अन्य समाजों में भी उनके समर्थक हैं। और इसकी वजह ये है कि एक तो वे अजमेर के प्रतिष्ठित मेयो कॉलेज सहित दिल्ली विश्वविद्यालय व डिप्लोमेटिक एकेडमी आफॅ लंदन से पढ़े-लिखे हैं और दूसरा जातिवाद उनमें कहीं नहीं झलकता। स्वभाव से सौम्य व शांत होने की वजह सहज ही युवकों को आकर्षित कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त उनमें बुद्धिजीवी होने का गुण फेसबुक पर उनके अकाउंट पर आने वाली पोस्ट व उन पर होने वाली टिप्पणियों से झलकता है। फेसबुक पर उनकी अच्छी मित्र मंडल व फॉलोइंग है। उनके एक फेसबुक फॉलोअर डेगाना निवासी व फिलवक्त दिल्ली में काम कर रहे योगेन्द्र चौधरी ने तो उन्हीं के एक समर्थक दिलीप सरावग की रघुवेन्द्र मिर्धा के व्यक्तित्व पर बाकायदा एक छोटी सी कविता भी पोस्ट की है, जो यह झलकाती है कि उनमें अपना भावी नेता तलाशा जा रहा है। देखिए कविता कुछ इस प्रकार है:-

रघुवेन्द्र मिर्धा
यह सौम्य युवा
सागर सा शांत सहृदय है
मगर उमड़ता इसमें ज्वार है
ज्वार!
नागौर सेवा का
ज्वार!
उन ख्वाबों का
जो कभी पाले
रामनिवास जी ने
आमजन हितार्थ
पर........
आङ़े आ गये वो
जिनके बड़े थे स्वार्थ
लेकिन
शांत सागर में आता जब ज्वार है
बह जाते हैं वो कमजोर जिनका आधार है
मुझे उस ज्वार का इन्तजार है
मुझे उस ज्वार का भरोसा है, विश्वास है।

-तेजवानी गिरधर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें