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कानाफूसी है कि तिवाड़ी को अपने हाशिये पल चले जाने का मलाल है। अफसोसनाक बात ये है कि वर्षों तक पार्टी की सेवा करने के बाद आज इस मुकाम पर वे अकेले पड़ गए हैं। अन्य सभी वसुंधरा या कटारिया की छत्रछाया में अपना मुकाम बना रहे हैं। राजनीति के जानकार मानते हैं कि अगर खुद ही खुद को अकेला जाहिर करेंगे तो खंडहर हो जाएंगे।
-तेजवानी गिरधर