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बुधवार, जून 11, 2025

क्या महाभारत को घर रखना उचित नहीं है?

दोस्तो, नमस्कार। यह एक आम धारणा है कि महाभारत ग्रंथ को घर में नहीं रखना चाहिए। विशेषकर कुछ परंपरागत हिन्दू परिवारों में। लेकिन इसका कारण धार्मिक से ज्यादा सांस्कृतिक और मनोवैज्ञानिक है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं- महाभारत एक ऐसे महायुद्ध की कथा है, जिसमें भाई-भाई आमने-सामने हो जाते हैं। इसलिए माना जाता है कि इसे घर में रखने से झगड़े और तनाव का वातावरण बन सकता है। बहुत सी परंपराएं कहती हैं कि अगर आप संपूर्ण महाभारत ग्रंथ ( यानि 18 पर्वों वाला) घर में रखते हैं, तो वह घर कलह का केंद्र बन सकता है। लेकिन यदि कोई व्यक्ति अध्ययन के लिए अंशतः महाभारत जैसे गीता या भीष्म पर्व आदि रखता है, तो वह स्वीकार्य माना जाता है। वस्तुतः यह सोचने वाली बात है कि किसी पुस्तक को घर पर रखने से उसका प्रभाव कैसे पड सकता है। विद्वान कहते हैं कि कोई भी ग्रंथ खुद कलह नहीं लाता। हमारी सोच, व्यवहार और परिवार में प्रेम की भावना ही मूल कारण होते हैं। एक पहलु यह भी है कि महाभारत केवल युद्ध कथा नहीं, बल्कि उसमें नीति, धर्म, कर्तव्य और जीवन के गूढ़ रहस्य भी समाहित हैं। यह एक महान ग्रंथ है, विशेषकर गीता का उपदेश। ऐसे में यदि आप उसमें श्रद्धा और अध्ययन की भावना से रखते हैं, तो कोई दोष नहीं। दिलचस्प बात है कि गीता महाभारत का ही अंष है, मगर उसे हर घर में रखा जाता है और पढा जाता है। ऐसा प्रतीत होता है कि वास्तुविदों ने अपने हिसाब से व्याख्या करके ऐसी धारणा जन जन में डाली है कि युद्ध के ग्रंथ महाभारत को घर पर रखने से घर में झगडे व विवाद हो सकते हैं। जैसे युद्ध के चित्र घर की दीवार पर टांगने को लेकर भी धारणा है कि उससे घर का वातावरण खराब होता है। कुल जमा बात यह है कि महाभारत घर में नहीं रखने की धारणा आस्था जुडी हुई है तो उसका कोई उपाय नहीं, मगर असल में महाभारत को घर में रखना अशुभ नहीं है, बशर्ते आप उसे सही भाव से रखें।

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https://youtu.be/GsXfDbTLeho