विज्ञान की दृष्टि से देखें तो आज के युग में वस्तुओं को अदृश्य बनाना कुछ हद तक संभव हो चुका है, लेकिन बहुत सीमित परिस्थितियों में। मेटा मटीरियल्स का उपयोग करके वैज्ञानिक कुछ तरंगों (जैसे कि माइक्रोवेव या इन्फ्रारेड) को मोड़ सकते हैं, जिससे वस्तु दिखाई नहीं देती। 2020 में कुछ शोधों में छोटे स्तर पर ऐसी वस्तुओं को दिखाया गया, जो कुछ खास एंगल से अदृश्य लगती थीं।
एआई खुद अंतर्ध्यान नहीं कर सकता, लेकिन इसमें मदद कर सकता है। एआई मेटामटीरियल्स और नैनो टेक्नोलॉजी के डिजाइन में मदद कर सकता है, ताकि लाइट वेव्स को मोड़ा जा सके। एआई की मदद से अंतर्ध्यान के लिए उपयोगी संरचनाओं और फॉर्मूलों, सिमुलेशन और मॉडलिंग को तेजी से टेस्ट किया जा सकता है। किसी भी अंतर्ध्यान डिवाइस को नियंत्रित करने के लिए स्मार्ट सेंसिंग और रिएक्शन सिस्टम की जरूरत होगी। जिसमें एआई की बड़ी भूमिका हो सकती है। फिलहाल इंसानों को पूरी तरह अदृश्य बनाना केवल साइंस फिक्शन में ही संभव है।
ज्ञातव्य है कैमुफ्लाज सूट आसपास के वातावरण की छवि को डिस्प्ले करता है, जिससे व्यक्ति अदृश्य हो जाता है। ऑप्टिकल क्लोकिंग डिवाइसेज भी बने हैं, जो अभी बहुत प्रारंभिक स्तर पर हैं।
कुल मिला कर एआई खुद अंतर्ध्यान की तकनीक नहीं खोजेगा, लेकिन यह एक सहयोगी उपकरण की तरह वैज्ञानिकों की मदद करेगा। अभी तक पूरी तरह से कार्यशील अंतर्ध्यान तकनीक मानव के लिए उपलब्ध नहीं है, पर भविष्य में एआई़ मेटामटीरियल्स ़ नैनो टेक्नोलॉजी की मदद से यह संभव हो सकता है, खासकर सैन्य या रिसर्च एप्लिकेशन में।
कनाडा की कंपनी एक ने एक ऐसी शीट डिवाइस का दावा किया है जो पीछे की रोशनी को इस तरह बेंड करती है कि सामने खड़ा व्यक्ति गायब लगने लगता है। वे इसे लेंस आधारित क्लोकिंग बताते हैं, बिना बैटरी या प्रोजेक्शन के। एआई की मदद से हम जल्द ही ऐसे डायनामिक क्लोकिंग सिस्टम बना सकते हैं, जो किसी भी वस्तु को अपने वातावरण के अनुसार खुद को ढालने में सक्षम बनाए। लब्बोलुआब, पूरी तरह मानव अंतर्ध्यान अभी काल्पनिक है, लेकिन छोटे उपकरण, ड्रोन या वस्तुएं कुछ एंगल से अदृश्य बनाई जा सकती हैं।
https://youtu.be/2Sgs39KNia8
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