https://youtu.be/eOsAkZ_zC7s
तीसरी आंख
सोमवार, मार्च 31, 2025
हजारों खिज्र पैदा कर चुकी है नस्ल आदम की
रविवार, मार्च 30, 2025
यह टोटका है सच है या अंधविष्वास?
शुक्रवार, मार्च 28, 2025
दरवाजे पर सी ऑफ करने की परंपरा क्यों?
बाहर जा रहा सदस्य भी यह अपेक्षा रखता है कि जाते समय कोई सदस्य दरवाजे तक छोडने आए। अन्यथा, उसे अधूरा अधूरा सा लगता है। वह अधूरापन क्या है? ऐसा लगता है कि बाहर जाने वाले का अपने घर व परिजन के प्रति जो अटैचमेंट है, उसे कायम रखने के लिए ऐसा किया जाता होगा। जिसमें यह भाव भी होता है कि जो भी काम करने जा रहा है, वह पूर्ण हो और वह वापस सुरक्षित लौटे। बाहर जाने वाला भी अपने घर के प्रति अटैचमेंट कायम रखने के लिए ऐसा करता है। हालांकि यह बात अतिषयोक्तिपूर्ण हो जाएगी, मगर मन के सूक्ष्मतम तल में कहीं न कहीं यह भाव होता है कि घर से जा रहा है तो एक बार देख ही लूं। कुल जमा यही समझ में आता है कि दरवाजे तक आकर किसी को विदा करने की परंपरा सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक गहरी भावनात्मक और सांस्कृतिक प्रथा है।
https://www.youtube.com/watch?v=z1I4XLYMsME
बुधवार, मार्च 26, 2025
किसी की आंख में मत झांकिये
https://ajmernama.com/thirdeye/429077/
https://youtu.be/j100TW_4KZU
सोमवार, मार्च 24, 2025
शोकाकुल महिला को जानबूझ कर क्यों रुलाया जाता है?
देहात में यह चलन अब भी है, लेकिन षहरों में आजकल कई लोग परिवार में किसी सदस्य का निधन हो जाने पर तीये की बैठक के साथ ही घोशणा कर देते हैं कि आज के बाद कोई नियमित बैठक नहीं होगी। उसकी वजह यह है कि दुकानदार तीये की बैठक के बाद दुकान नियमित खोलना चाहता है या नौकरीपेषा नौकरी पर जाना चाहता है। जिन परिवारों में नियमित बैठक होती है, उनमें नाते-रिष्तेदार महिलाएं आ कर रूदन करती हैं। जाहिर तौर पर परिवार की षोकाकुल महिलाएं भी बहुत रोती हैं। विषेश रूप से जिस महिला के पुत्र, पुत्री अथवा पति का निधन हो चुका होता है, वह फूट फूट कर रोती है। कई बार रोते-रोते बेहोष तक हो जाती है। ऐसे में परिवार के पुरूश सदस्य क्रोधित हो जाते हैं और महिलाओं से रूदन बंद करने को कहते है। इस पर बुजुर्ग महिलाएं बताती हैं कि रूदन की परंपरा यूं ही नहीं बनाई गई है। अच्छा हमें भी नहीं लगता, मगर रूदन से षोकाकुल महिला की रूलाई बाहर आ जाती है। दिल का दर्द आंसुओं के जरिए बह जाता है। इसलिए जानबूझ कर रूलाया जाता है। अगर उसे रोने नहीं दिया जाएगा तो परिजन की मौत का सदमा उसके दिल में बैठ जाएगा, जो उसके स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदेह हो सकता है।
https://www.youtube.com/watch?v=Rakeb588bgY
रविवार, मार्च 23, 2025
बांयी ओर खडे हो कर की गई गुहार पूरी होती है?
आधार नहीं होता। फिर भी परंपरा के चलते अथवा ज्योतिषी पर विश्वास रख कर इन्हें आजमाते हैं। उन पर केवल यही सोच कर हम भरोसा करते हैं कि जिसने भी टोटका ईजाद किया होगा, तो जरूर उसके पीछे कोई साइंस होगा। हमारा उन पर यकीन हो तब तो ठीक, लेकिन अगर उन पर भरोसा न भी हो तो भी उन्हें आजमाने से परहेज नहीं करते। सोचते हैं कि क्या पता काम सिद्ध हो जाए।
आइये, एक ऐसे टोटके पर चर्चा करते हैं, जिसका उपयोग हमारे दैनिक जीवन में हो सकता है।
ऐसी मान्यता है कि अगर आपको किसी अधिकारी या किसी ओर से कोई काम हो तो उसके बायीं ओर खड़े हो कर अपनी बात कहिये, वह आसानी से आपकी बात मान जाएगा। इसके पीछे तर्क ये दिया जाता है कि हर व्यक्ति के बायीं ओर हृदय होता है। हृदय अर्थात दिल, जो कि संवेदना का केन्द्र है। वाम अंग पर चंद्रमा का प्रभाव होता है। जब हम बायीं ओर खड़े हो कर उससे कोई मांग रखते हैं तो वह संवेदनापूर्वक हमारी बात मान जाता है। अर्थात दायीं ओर की तुलना में बायीं ओर खड़े होने पर काम सिद्ध होने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए जब भी किसी अधिकारी के पास जाएं तो कोशिश करके उसके बायीं ओर खड़े होइये।
एक बात और। कदाचित ऐसा भी हो सकता है कि टोटका इस्तेमाल करने के दौरान हमारा आत्मविश्वास मजबूत होता हो कि हम टोटके का उपयोग कर रहे हैं। और इसी वजह से अपनी बात पूरी ऊर्जा के साथ कहते हैं, जो सामने वाले पर असर कर जाती हो।
मैने स्वयं इसे आजमाया है। मुझे तो यह तथ्य सही लगा। यह मेरा भ्रम भी हो सकता है, अतः आप स्वयं आजमाइये। संभव है, हम इस तथ्य की बारीकी को न समझ पाएं, मगर बायीं ओर खडे होने में हर्ज ही क्या है? क्या पता तथ्य सही हो। अगर विद्वानों ने बताया है तो कोई तो राज होगा।
https://www-youtube-com/watch\v¾OUsVrDu02W0
शनिवार, मार्च 22, 2025
माइंड रीडर्स किस विधा का उपयोग करते हैं?
आपने देखा होगा कि माइंड रीडर्स सामने वाले को कुछ सोचने को कहते हैं और कहते हैं कि जो भी सोच रहे हैं, उसे मन ही मन जोर से बोलें। उसके तुरंत बार माइंड रीडर सामने वाले ने जो भी सोचा उसको स्लेट अथवा कागज पर लिख कर दिखा देते हैं। स्वाभाविक रूप से हर कोई चकित रह जाता है कि आखिर यह कैसे हो गया। चलो आध्यात्मिक संत मन की जो बात पकडते हैं, उसमें या तो किसी ईश्ट की भूमिका बताई जाती है, या फिर कर्ण पिषाचिनी सिद्ध होने की बात कही जा रही है, मगर माइंड रीडर्स के पास आखिर कौन सी तकनीक है, जिससे वे मन की बात पकड लेते हैं। वे इस कला का पूरे आत्मविष्वास के साथ प्रदर्षन कर रहे हैं, मगर उस कला के बारे में कुछ नहीं बताते और यह कह कर टाल देते हैं कि यह टेड सीक्रेट है, जिसका वे खुलासा नहीं कर सकते। जहां तक मेरी समझ है, वे टेली रेस्पांस पावर का इस्तेमाल करते हैं। जैसे कर्ण पिषाचिनी के मामले में व्यक्ति का सम्मुख होना जरूरी है, वैसे ही माइंड रीडर्स भी सामने होेने पर ही माइंड रीड करते हैं। हो सकता है वे सामने वाले के चेहरे के हाव भाव को भी पढने की भी सहायता लेते हों, या मनुश्य के वैचारिक पथ को पकडते हों, मगर मोटे तौर पर यही प्रतीत होता है कि वे टेली रेस्पांस पावर का इस्तेमाल करते हैं। यदि नेट पर वीडियो कॉलिंग के जरिए भी बात करते हैं तो चाहते हैं कि सामने वाले का चेहरा साफ दिखाई दे। दूर होने की स्थिति में विषेश रूप से इस पर जोर देते हैं कि जो भी मन में सोच रहे हैं, उसे मन ही मन बहुत जोर से उच्चारित करें। इस विधा पर पष्चिम में खूब काम हुआ है। इससे संबंधित अनेक पुस्तकें भी मार्केट में मौजूद हैं। टेली रेस्पांस पावर का उपयोग करने वाले हजारों किलोमीटर दूर मन की षक्ति से संदेष भेजते हैं और संदेष हासिल करते हैं।
टेली रेस्पांस पावर का इस्तेमाल करने वालों का दावा है कि निर्जीव वस्तुओं को भी संदेष या आदेष दिया जा सकता है। इसका एक डेमो इस प्रकार हैः- एक गिलास में पानी भर लीजिए। उसकी सतह पर तेल की बूंदे डाल दीजिए। तेल हल्का होने के कारण पानी पर तेल की फिल्म बन जाएगी। उस पर एक तिनका रख दीजिए। जाहिर तौर पर वह सतह पर तैरता रहेगा। इसके पष्चात उस पर नजर गडा कर मन की पूरी षक्ति से आदेष दीजिए कि बायें या दायें घूम जा। त्राटक सिद्ध व्यक्ति हो तो तिनका बाकायदा आदेष को फॉलो करता है। इस विधा के संबंध में कहा जाता है कि ध्यान के सतत प्रयास के बाद निर्जीवी वस्तु को भी आदेष दिया जा सकता है। वर्शों पहले एक व्यक्ति ने नजर गडा कर सामने रखी लोहे की चाबी को मोड कर दिखा दिया था। उसकी पूरी दुनिया में खूब चर्चा हुई थी। वह भी या तो नसर्गिक रूप से हासिल मजबूत इच्छा षक्ति या फिर टेली रेस्पांस पावर का कमाल था।
https://www.youtube.com/watch?v=uM3uf8pA0yY