tag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post246738571054421124..comments2023-07-28T02:35:18.869-07:00Comments on तीसरी आंख: अन्ना हजारे की अक्ल आ गई ठिकानेतेजवानी गिरधरhttp://www.blogger.com/profile/14373579732591050418noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-77652373029864920832011-08-22T08:37:14.495-07:002011-08-22T08:37:14.495-07:00सिंह साहब क्या आपको जानकारी है कि किसी को भी वोट न...सिंह साहब क्या आपको जानकारी है कि किसी को भी वोट न दे कर वोट कास्ट करने का अधिकार अब भी मौजूद है। इस कम शिक्षित देश में उसका इस्तेमाल ही कौन कर रहा है? हालत ये है कि कई लोग तो वोट ही नहीं देते, उन्हें वोट देने के लिए प्रेरित किये जाने की जरूरत है अथवा आवश्यक करने की जरूरत है।<br />आप जो सांसद व संसद के मसले पर कह रहे हैं, यह एक शब्द जाल मात्र है। असल में अन्ना सारे सांसदों को चोर बता कर पूरे लोकतांत्रिक सिस्टम और संसदीय व्यवस्था को नकार देना चाहते हैं। साफ है कि उन्होंने जो मार्ग चुना है वह अराजकता पैदा करने वाला होगा। वे केवल सरकार के खिलाफ ही नहीं बल्कि सारे नेताओं को चोर बता कर नफरत पैदा कर रहे हैं। आपको जानकारी होगी कि अन्ना को बाहर से समर्थन करने वाली भाजपा और उसके नेता आडवाणी ने उनके वक्तव्य की कड़ी आलोचना की थी। <br />सीधी सी बात है कि अन्ना पूरे देश को नई आजादी के नाम पर अराजकता के मुंह में धकेलना चाहते हैं। वे खुद को गांधीवादी बता कर अनशन कर रहे हैं और अपने समर्थकों को देशभर में हंगामा करने का आव्हान कर रहे हैं। उनके समर्थक अनाप-शनाप बकवास कर रहे हैं। वे कभी भी हिंसक हो सकते हैं। आप क्या चाहते हैं कि देश को दूसरी आजादी के नाम पर हिंसा में धकेल दिया जाए।तेजवानी गिरधरhttps://www.blogger.com/profile/14373579732591050418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-24896922615571006402011-08-08T08:11:57.017-07:002011-08-08T08:11:57.017-07:00Aaap jaise logo se swamy se toh koi virodh hota na...Aaap jaise logo se swamy se toh koi virodh hota nahi hai aur yadi koi aadami apni baat lok tantrik tarike se bol raha hai toh aap jaise log usi ke peeche padh jate hai. Akhir Anna Hazere ji kya galat baat kah rahe hai. aap he batyeAshishhttps://www.blogger.com/profile/08617561347303383303noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-54347376236562647912011-08-03T22:53:22.838-07:002011-08-03T22:53:22.838-07:00आपने कहा- मौजूदा सरकार कोई ब्रिटेन से नहीं आई है, ...आपने कहा- मौजूदा सरकार कोई ब्रिटेन से नहीं आई है, हमने ही लोकतांत्रिक तरीके से चुनी है। हम पर थोपी हुई नहीं है।<br /><br />मेरा प्रश्न- क्या आपके या मेरे पास यह अधिकार है कि हम सभी चुनावी उम्मीदवारों को नकार सकें? नहीं ना. हमें चंद भ्रष्ट लोगों में से ही किसी एक को चुनना पड़ता है. अन्ना जब लोकपाल में इसे शामिल करने की बात कह रहे हैं तो सरकार को आपत्ति क्यों है? क्या यह प्रावधान देश की जनता को नहीं मिलना चाहिए?<br /> <br />आपने कहा- वे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ईमानदार बता कर इज्जत दे रहे थे? <br /><br />मेरा प्रश्न- जिस यूपीए सरकार में इतने घोटाले सामने आ रहे हैं, क्या उनका मुखिया उन चीजों के बारे में नहीं जानता? वे ईमानदार थे, लेकिन अब ऐसा नहीं लगता. वे कहते हैं- हम भी विपक्ष के बहुत से राज जानते हैं. अरे भई, अगर आप जानते हैं तो बताओ. छिपाकर क्यों रखा है? क्या आप विपक्ष को ब्लैकमेल करने के लिए इन शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं? कृपया ईमानदारी की परिभाषा बताएं?<br /><br />आपने कहा- बहरहाल, मुद्दा ये है कि उन्हें अपना ड्राफ्ट किया हुआ लोकपाल बिल ज्यादा अच्छा लगता है, और हो भी सकता है कि वही अच्छा हो, मगर उसे तय तो संसद ही करेगी। <br /><br />मेरा प्रश्न- आप संसद को बड़ा मानते हैं या सांसदों को? यह लड़ाई संसद नहीं बल्कि सांसद लड़ रहे हैं? संसदीय समितियों के सुझाव क्यों नहीं माने जाते? अगर संसद की बात की जाए तो उसमें सभी सांसद शामिल होने चाहिए, न कि सिर्फ सत्तारूढ़ दल के. इस बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?<br /><br />आपके जवाबों का इंतजार रहेगा.<br />कृपया ई मेल से भी रिप्लाई कर दें.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13342084356954166189noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-36661469509516129372011-08-03T21:40:41.356-07:002011-08-03T21:40:41.356-07:00बेनामी महाशय आप तो कायर हैं, जो बिना नाम के टिप्पण...बेनामी महाशय आप तो कायर हैं, जो बिना नाम के टिप्पणी कर रहे हैं, सच कडवा होता है, जो अपको बर्दाश्त नहीं हुआ शायद, भडास तो आपकी कहलाएगी, जो छिप कर वार कर रहे हैंतेजवानी गिरधरhttps://www.blogger.com/profile/14373579732591050418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-6488683334983690792011-08-03T21:37:44.659-07:002011-08-03T21:37:44.659-07:00आपने सिर्फ भड़ास निकाली है...लोगो को उत्तेजित कर रह...आपने सिर्फ भड़ास निकाली है...लोगो को उत्तेजित कर रहे हैं,क्योकि सच आपको भी पता है,आपकी हालत खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे जैसी है...लेकिन आपकी ये उलटी गंध नही फैला पाएगी...और उलटो देशभक्त भला ही होगा देश का..!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-64243788117356468542011-06-30T22:01:08.141-07:002011-06-30T22:01:08.141-07:00bahut sahi kaha aapne.....bahut sahi kaha aapne.....मुकेश कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/14131032296544030044noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-53883139511885822812011-06-30T03:36:57.597-07:002011-06-30T03:36:57.597-07:00shailendra srinath-badhiya,vicharottejak,chhoti ti...shailendra srinath-badhiya,vicharottejak,chhoti tippni fir bhi/anna ke kale angej kahne ko sanket me le girdhar ji na ki shabdik roop me.angrejo ke shasan ko aam logo ki chinta nahi thi na inko hai,ve bhi lutate the, bahar bhejte the,ye bhi lut rahe hain aur bahar(aam jan se)bhej rahe hain/ vaise hi doosari aazadi;angrejo jaisi hi hamre apne logon ki chuni hui(jaisa ki aap ka kahna hai) shoshankari,arazak,ajababdeh aur kahna na hoga rog-grasta beemar vyavstha se aazadi.na ki (kale) angrejo se.jahan tak arajakta ka mahaul banane ki baat hai aaj ke mahaul se arajak bhi kuchh hoga yeh aap jaise prabuddha patrakar hi mahshus kar sakte hain anna jaison ki kahan itni kshamta. aur media se hi samarthan aur usi media ko bika hua kahna, shartiya ashobhaniya hai/par duryog se is baazarvadi vyavstha me girdhar ji, nahi pura to aanshik roop se sab to bikau hai fir media ke bika hua kah dene me itani hay tauba kyon/ subhidhaon ki (sarkari ya gair sarkari)chahat bhi aadmi ko bikau hi banati hai/ meri tippani chot pahuchane ke liye nahi lekin agar ....to kshamaprarthi hun/aur anna ke logon ko mirchi.... to logon ko jagruk karna patrakar dharm hai na ki mirchi lagana/shailendranoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-81222047857962175522011-06-29T07:59:39.906-07:002011-06-29T07:59:39.906-07:00जब भी इस प्रकार अन्ना अथवा बाबा के बारे में तर्कपू...जब भी इस प्रकार अन्ना अथवा बाबा के बारे में तर्कपूर्ण आलोचना की जाती है तो उनके समर्थकों को बहुत मिर्ची लगती है। उन्हें लगता है कि लिखने वाला या तो कांग्रेसी है या फिर भ्रष्टाचार का समर्थक या फिर देशद्रोही। जिस मीडिया के सहारे आज देश में हलचल पैदा करने की स्थिति में आए हैं, उसी मीडिया को वे बिका हुआ कहने से भी नहीं चूकते। ऐसा प्रतीता होता कि अब केवल अन्ना व बाबा के समर्थक ही देशभक्त रह गए हैं। उनसे वैचारिक नाइत्तफाक रखने वालों को देश से कोई लेना-देना नहीं है।<br /> आपके विचारों को तर्क पूवर्क होने के साथ ही सच्चाई करीब लाते हैं. आपके लेख के अंतिम पैराग्राफ ने बहुत प्रभावित किया है.रमेश कुमार जैन उर्फ़ निर्भीकhttps://www.blogger.com/profile/01260635185874875616noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1345170073128676211.post-21542505041682367542011-06-29T07:33:40.320-07:002011-06-29T07:33:40.320-07:00chashmaa badlo jantaa kee sochochashmaa badlo jantaa kee sochoDeepankar sarkaarnoreply@blogger.com